ये उपेक्षित अस्मिताओं के इतिहास उत्तर प्रदेश के विभिन्न अंचलों में फुटपाथों, छोटी दुकानों, दलित राजनीति से जुड़ी रैलियों एवं मीटिंगों में ठेलों पर बिकते हुए प्राप्त हुए थे। इन इतिहासों को शिक्षित सामुदायिक इतिहासकारों, सक्रिय राजनीतिक बौद्धिकों एवं जाति के साहित्यकारों द्वारा लिखा गया। इस संकलन का उद्देश्य सामाजिक-विमर्श, अस्मिताओं के टकराव, आत्मसम्मान की राजनीति की एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया को पाठकों के सामने लाना है। इसका एक और लक्ष्य शोद्यार्थियों के लिए इन्हें संस्रोत के रूप में भी उपस्थित करना भी है। अपनी रोचक कथात्मक शैली एवं वृत्तांतों के कारण यह संकलन आम पाठकों को पसंद आएगा, ऐसी हमारी आशा है।
उपेक्षित समुदायों का आत्म इतिहास [Upekshit Samudayon Ka Aatm Itihas]
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